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सनस्क्रीन में एसएफ के साथ-साथ केमिकल्स भी मिलाए जाते हैं, जो त्वचा के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए हेल्थ शॉट्स पर हम हमेशा नेचुरल इंग्रीडिएंट के इस्तेमाल की सलाह देते हैं। जानें ये कैसे काम करते हैं।
तापमान बढ़ने के साथ आपकी स्किन के लिए भी सन बर्न का जोखिम बढ़ता जा रहा है। त्वचा के सूरज की किरणों के संपर्क में आने से कई सारी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। इनसे बचाव के लिए सनलाइट में जाने से पहले सनस्क्रीन अप्लाई करने की सलाह दी जाती है। बाजार में तरह-तरह के एसएफ युक्त सनस्क्रीन उपलब्ध हैं। ये त्वचा पर एक प्रोटेक्टिंग लेयर तैयार कर देती हैं, जिससे कि सूरज की हानिकारक किरणों से होने वाली त्वचा की क्षति काफी कम हो जाती है। सनस्क्रीन में एसएफ के साथ-साथ केमिकल्स भी मिलाए जाते हैं, जो त्वचा के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए हेल्थ शॉट्स पर हम हमेशा नेचुरल इंग्रीडिएंट के इस्तेमाल की सलाह देते हैं। यहां आपकी रसोई में मौजूद कुछ सामग्रियों के बारे में बता रहे हैं, जो आपकी स्किन को सनबर्न से प्रोटेक्ट करती हैं।
घर से बाहर निकलते हुए सनस्क्रीन अप्लाई करना बहुत जरूरी है, परंतु घर के अंदर भी आप सनलाइट के इनडायरेक्ट संपर्क में होती हैं। वहीं इस दौरान भी आपको अपनी त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों के प्रभाव से प्रोटेक्ट करने की आवश्यकता होती है। तो क्यों न घर के अंदर आप नेचुरल सनस्क्रीन को अप्लाई करें, ताकि त्वचा पर टॉक्सिक केमिकल्स का प्रभाव कम से कम हो। योगा इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर और हेल्थ कोच हंसा जी योगेंद्र ने कुछ खास प्राकृतिक सनस्क्रीन के बारे में बताया है (Natural ingredient for sun protection)। तो चलिए जानते हैं ये किस तरह काम करते हैं।
![Sunscreen](https://www.healthshots.com/hindi/wp-content/uploads/2024/01/Sunscreen-1.jpg)
इन घरेलू सामग्रियों से आप भी बना सकती हैं अपने लिए नेचुरल सनस्क्रीन (Natural ingredient for sun protection)
1. मिल्क और नींबू का रस (Milk and lemon juice)
दूध आपकी स्किन से सन टैनिंग को रिवर्स कर देता है। साथ ही साथ यह आपकी स्किन को सन डैमेज से भी प्रोटेक्ट करता है। इसके साथ ही कच्चा दूध कोलेजन के प्रोडक्शन को बढ़ावा देता है और त्वचा में प्राकृतिक ग्लो बरकरार रहता है। इतना ही नहीं जब आप अपनी त्वचा पर ठंडा कच्चा दूध अप्लाई करती हैं, तो यह सनबर्न से राहत प्रदान करता है। वही नींबू के रस में भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है, जो सूरज के हानिकारक किरणों के कारण होने वाले डार्क स्पॉट्स की रंगत को कम करता है और पिगमेंटेड स्किन को ट्रीट करता है।
दो चम्मच कच्चे दूध में एक चम्मच नींबू का रस मिलाएं। इन्हें अच्छी तरह से मिक्स करने के बाद एक कॉटन बॉल को इस मिश्रण में डुबोएं और इन्हे अपनी त्वचा पर सभी और अच्छी तरह अप्लाई करें।
2. एलोवेरा और जिंक लोशन
एलो वेरा जेल त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से प्रोटेक्ट करती है, यह अल्ट्रावायलेट रेज को लगभग 20% तक ब्लॉक कर देती हैं। वहीं इसे बनाने में इस्तेमाल हुए जिंक ऑक्साइड सूरज की हानिकारक किरणों को त्वचा से स्कैटर यानी की डायवर्ट कर देते हैं। यह अल्ट्रावायलेट रेज के हानिकारक प्रभाव को बहुत हद तक सीमित कर देते हैं। जिंक ऑक्साइड आपको आसानी से अपने आसपास के किसी भी केमिस्ट स्टोर में उपलब्ध मिल जाएगा।
![Aloe vera ko lips ke corner par karein apply](https://www.healthshots.com/hindi/wp-content/uploads/2024/01/aloe-vera-for-lips.jpg)
एक चम्मच एलोवेरा जेल, आधा चम्मच जोजोबा ऑयल और पानी को एक साथ मिक्स करते हुए एक लोशन तैयार करें अब इसमें SPF 15 की गुणवत्ता जोड़ने के लिए 3 चम्मच जिंक ऑक्साइड पाउडर ऐड करें। सभी को एक साथ अच्छी तरह से मिक्स करते हुए एक स्मूद पेस्ट तैयार कर लें। आप इसमें विटामिन ई की एक कैप्सूल भी मिला सकती हैं। हालांकि, यदि आपकी स्किन ऑयली है, या आपको एक्ने और पिंपल की समस्या रहती है, तो विटामिन ई को स्किप कर दें।
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3. एलोवेरा और ग्लिसरीन
एलो वेरा ग्लिसरीन एक माइल्ड सनस्क्रीन फार्मूला है, जिसे आप घर के अंदर सनस्क्रीन के तौर पर अप्लाई कर सकती हैं। एलो वेरा बेहद प्रभावी रूप से सनलाइट को ब्लॉक करता है। वहीं ग्लिसरीन भी त्वचा पर यूवी रेज और एनवायरमेंटल पोल्यूटेंट्स के लिए बैरियर की तरह काम करती है। इसके साथ ही यह मॉइश्चर को भी स्किन में ब्लॉक कर देती है, जिससे की ह्यूमिड क्लाइमेट में भी स्किन सॉफ्ट नजर आती है।
एक स्प्रे बोतल में एलो वेरा जेल, रोज वॉटर और ग्लिसरीन को एक साथ अच्छी तरह मिक्स करते हुए एक वॉटर कंसिस्टेंसी सनस्क्रीन तैयार करें। अब इसे चेहरे, हाथ एवं गर्दन की त्वचा पर नियमित रूप से अप्लाई करें। इससे आपकी स्किन स्वस्थ एवं ग्लोइंग रहेगी और सूरज की हानिकारक किरणों का प्रभाव भी कम से कम होगा।
![Natural ingredient for sun protection](https://www.healthshots.com/hindi/wp-content/uploads/2024/03/clove-oil.jpg)
4. रास्पबेरी सीड ऑयल
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार रास्पबेरी सीड ऑयल में UVB के प्रभाव को कम करने के लिए spf 28 से 50 की मात्रा पाई जाती है। वहीं UVA के प्रभाव को कम करने के लिए spf 8 पाया जाता है। इस ऑयल में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन ई की गुणवत्ता पाई जाती है, जो त्वचा पर सूरज की हानिकारक किरणों से होने वाले फ्री रेडिकल्स डैमेज को कम कर देते हैं। यह स्किन सेल्स को रीजनरेट करता है, साथ-साथ स्किन टोन और इलास्टिसिटी को बढ़ावा देती है।
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