पहले मजदूरी फिर सिक्योरिटी गार्ड…मंगेतर की मदद से क्रिकेटर बने शमर जोसेफ; ऐसे बने हीरो

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Shamarh Joseph Struggle Story in Hindi: कहते हैं कि किसी चीज़ को दिल से चाहो तो पूरी कायनात तुम्हें उससे मिलाने की साजिश में लग जाती है. वेस्टइंडीज के 24 साल के युवा तेज गेंदबाज शमार जोसेफ के लिए यह कहावत बिल्कुल फिट बैठती है. कुछ हफ्तों पहले तक इस खिलाड़ी का नाम तक कोई नहीं जानता था, लेकिन आज पूरी दुनिया में इसकी चर्चा है. हालांकि, शमार जोसेफ का यहां तक पहुंचने का सफर काफी मुश्किल भरा रहा है. 

गाबा में कंगारुओं के खिलाफ सात विकेट लेकर वेस्टइंडीज को ऑस्ट्रेलिया में 27 साल बाद जीत दिलाने वाले शमार जोसेफ के लिए क्रिकेटर बनना काफी मुश्किल भरा रहा. वह पहले मजदूरी करते थे और फिर उन्होंने सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी भी की. हालांकि, कहते हैं कि मेहनत करने वाले की कभी हार नहीं होती और शमार जोसेफ के साथ भी ऐसा ही हुआ. 

शमार जोसेफ के पास शुरुआत में क्रिकेट की गेंद तक नहीं थी. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वह अमरूद और नींबू से गेंदबाजी की प्रैक्टिस करते थे. इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू से पहले शमार जोसेफ को काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा है. 

शमार जोसेफ का जन्म 31 अगस्त 1999 को गयाना के बराकारा में हुआ था. उनके गांव में 2018 तक इंटरनेट तक नहीं था. शमार ने पुराने मैचों की हाईलाइट्स देखकर अपनी गेंदबाजी में धार लाई. वेस्टइंडीज के पूर्व दिग्गज कर्टली एम्ब्रोस और कर्टनी वॉल्श शमार जोसेफ के आदर्श हैं. इनके पुराने मैचों को देखकर ही शमार तूफानी गेंदबाज बने. 

हालांकि, प्रोफेशन क्रिकेटर बनना शमार जोसेफ के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं रहा. शमार काफी गरीब परिवार से हैं. ऐसे में उन्हें बचपन से ही पैसों की तंगी की वजह से अपने पिता के साथ काम करना पड़ा. शमार ने मजदूरी की और फिर सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी भी की, ताकि वह अपने परिवार को आर्थिक तंगी से उभार सकें. 

मंगेतर का मिला साथ, रोमारियो शेफर्ड ने भी किया सपोर्ट 

शमार जोसेफ एक कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते थे. जहां उन्हें 12 घंटे काम करना पड़ता था. ऐसे में क्रिकेटर बनने का उनका सपना दूर होता जा रहा था. इसी समय में उनकी लाइफ में एक लड़की आई और जिसने उनकी पूरी जिंदगी ही बदल दी. शमार ने अपनी गर्लफ्रेंड से सगाई की और फिर सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी छोड़ क्रिकेट पर ध्यान देना शुरू किया. 

हालांकि, इंटरनेशनल क्रिकेट में आना कोई आसान काम नहीं होता. इसके लिए शमार की मदद वेस्टइंडीज के ऑलराउंडर रोमारियो शेफर्ड ने की, जो उनके पड़ोसी और दोस्त भी हैं. शेफर्ड ने ही शमार को गयाना क्रिकेट टीम के हेड कोच और कप्तान से मिलवाया. इसके बाद क्लब क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने की वजह से शमार जोसेफ को फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने का मौका मिला. इसके बाद शमार ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार शानदार प्रदर्शन करते रहे. इसके बाद उन्हें वेस्टइंडीज की टेस्ट टीम में मौका मिला, जहां उन्होंने इतिहास रच दिया. शमार ने गाबा टेस्ट में सात विकेट लेकर इतिहास में अपना नाम दर्ज करवा लिया.

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