जानें कितना होता है ECG के BPM का नॉर्मल रेंज, कब हो जाना चाहिए सावधान

[ad_1]

ईसीजी कैसे होता है: हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ईसीजी हार्ट की गति को नापने का काम करता है. इसमें चेस्ट, हाथों और पैरों पर इलेक्ट्रोड लगाकर एक मशीन से जोड़कर धड़कन रिकॉर्ड की जाती है. इस टेस्ट से हार्ट बीट के रेट की सही जानकारी मिल जाती है. चेस्ट पेन और बीपी के मरीजों को ये टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है.

[ad_2]

Source link

Leave a comment