चीन में बच्चे हो रहे हैं ‘वॉकिंग निमोनिया’ के शिकार, भारत में भी जारी किया गया अलर्ट

[ad_1]

दुनिया भर में कोविड महामारी के फैलने का कारण माने जाने वाले चीन की तरफ से एक बार फिर दुनिया में नई ‘हेल्थ इमरजेंसी’ का खतरा बढ़ गया है। दरअसल, चीन में इन दिनों बच्चों में एक रहस्यमयी बीमारी देखी जा रही है, जिसे वहां के स्वास्थ्य विभाग ने ‘मिस्टीरियस निमोनिया’ और ‘वॉकिंग निमोनिया’ का नाम दिया है। चीन में तेज़ी से फैलते इस नए वायरस ने पूरी विश्व को ‘कोविड-19’ के भयावह मंज़र की यादें भी ताज़ा करा दी है। साथ ही भारत सहित पूरे विश्व की निगाहें भी चीन के इस नई बीमारी पर टिकी हुई है।

बच्चों में तेज़ी से फ़ैल रहा ‘वॉकिंग निमोनिया’

चीन में लगातार इस रहस्यमयी बीमारी के केस देखे जा रहे हैं। खासकर बच्चों को प्रभावित करने वाली इस बीमारी के बारे में बीजिंग चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल ने लोकल मीडिया को बताया कि, उत्तरी बीजिंग में हर दिन लगभग 7 हज़ार केस देखने को मिल रहे हैं। इसके साथ ही बीजिंग के पास मौजूद वहां के तियानजिन में स्थित सबसे बड़े चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में अधिकतम एक दिन में 13000 से अधिक बच्चों में यह बीमारी रिपोर्ट की गई।

c-section se hue bachche ko asthma ho sakta hai
बच्चों को आसानी से प्रभावित कर सकती है ‘वॉकिंग निमोनिया’ की बीमारी। चित्र-अडोबीस्टॉक

इसके साथ ही इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर इंफेक्शियस डिजीजेस (प्रो-मेड) ने चीन की हालिया स्थिति पर एक रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि, चीन के बीजिंग और लियाओनिंग नामक शहरों के आसपास बच्चों में यह रेस्पिरेसटरी डिज़ीज़ देखने को मिली।

इसके साथ ही रिपोर्ट में फिलहाल इस बात की कोई जानकारी नहीं दी गई कि इस नई बीमारी का प्रकोप कब शुरू हुआ। इसके साथ ही चीन के नागरिकों के संदर्भ में रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इतने सारे केसेज़ देखकर चीन की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है और मरीजों को 2-2 घंटे लाइन में लग कर इलाज कराने का इन्तजार करना पड़ रहा है।

क्या है ‘मिस्टीरियस और वॉकिंग निमोनिया’

चीन के कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, यह बीमारी एक बैक्टीरिया के कारण फैलती है, जिसे मेडिकल भाषा में ‘माइकोप्लामा निमोनिया‘ भी कहा जाता है। इसके साथ ही इस बीमारी के बारे में यह भी बताया गया कि इस बीमारी में सामान्य सर्दी के लक्षण होते हैं और इसमें हल्का संक्रमण ही होता है।

इस बीमारी में बहुत कम मामलों में ऐसी स्थिति देखी जाती है, जिसमें व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ती है। इसके साथ ही चूंकि छोटे बच्चों में इम्युनिटी कम होती है, इसलिए उन्हें इस बीमारी से अधिक खतरा होता है।

WHO ने चीन से मांगी रिपोर्ट, भारत में अलर्ट जारी

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि चीन में तेज़ी से बढ़ रही इस बीमारी को लेकर उसने चीन से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। वहीं, दूसरी तरफ चीन का कहना है कि चीन में बदलते मौसम और लंबे समय से लागू ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ के कारण छोटे बच्चों में इम्युनिटी डेवलप नहीं हो पाई।

जिसके कारण अब जब ठंड के मौसम में बच्चे लंबे समय बाद घर से बाहर निकल कर स्कूल व अन्य जगह जा रहे हैं, तब मामूली वायरस उनपर अटैक कर रहे हैं, जिससे ‘वॉकिंग निमोनिया’ जैसी बीमारी के लक्षण दिखाई पड़ रहे है।

इसके साथ ही भारत में भी चीन की इस बीमारी को लेकर सरकार अलर्ट पर है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया की चीन के इस ‘वॉकिंग निमोनिया’ पर भारत सरकार पैनी नजर रख रही है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग और ICMR के डायरेक्टर जनरल भी इस बीमारी का आकलन कर रहे हैं।

pneumonia me rakhen khas dhyan.
भारत में भी चीन की इस बीमारी के कारण अलर्ट जारी किया गया है । चित्र: शटरस्‍टॉक

आप कैसे कर सकते हैं इससे बचाव ?

चीन की इस नई बीमारी से पूरे विश्वभर में इसको लेकर बचाव के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बचाव के लिए एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें चीन सहित पूरे विश्व के लोगों के लिए सुरक्षित रहने के तरीकों के बारे में बताया गया है।

WHO ने बताया कि जिन लोगों को सांस संबंधी बीमारी है वे बीमारी के जोखिम को कम करने के लिए उपायों का पालन करें, जिसमें इन्फ्लूएंजा, कोविड​​-19 और अन्य रेस्पिरेटरी पैथोजन्स के खिलाफ उचित टीके लगवाना शामिल हैं।

इसके साथ ही WHO ने यह भी जानकारी दी कि इससे सुरक्षित रहने के लिए बीमार लोगों से दूरी बनाए रखना, बीमार होने पर घर पर रहना, आवश्यकतानुसार परीक्षण और चिकित्सा देखभाल प्राप्त करना, उचित रूप से मास्क पहनना, अच्छा वेंटिलेशन सुनिश्चित करना और नियमित रूप से हाथ धोने जैसे कुछ आम लेकिन महत्वपूर्ण कदम शामिल है।

यह भी पढ़ें: साइलेंट किलर निमोनिया के बारे में आपको जानने चाहिए ये जरूरी तथ्य

[ad_2]

Source link

Leave a comment